भूत की कहानी : अंधेरी रात का सफेद साया | Andheri Raat Ka Safed Saya In Hindi
एक समय की बात है, एक छोटा सा गांव था, जिसका नाम था भानपुर। यह गांव एक घने जंगल के पास बसा हुआ था। इस गांव के लोग बहुत ही मेहनती और ईमानदार थे। वे सब मिल-जुलकर रहते थे।
एक दिन, गांव में एक परिवार रहने आया। उस परिवार में एक बुजुर्ग और उनका छोटा बेटा था। उस परिवार का नाम सिंह परिवार था। सिंह परिवार के आने के बाद गांव में कुछ अजीब घटनाये होने लगा।
रात के समय गांव में अजीब सी आवाजें आने लगीं। लोग अपने घरों में डर के मारे छिप जाते थे। कुछ लोगों से तो जंगल से भी किसी अजीब जानवर के आने की बात सुनी थी।
एक रात, गांव का एक किसान अपने खेत में पानी लगाने गया था। वह खेत में अकेला था। तभी उसे कुछ आवाजें सुनाई दीं। उसने पीछे मुड़कर देखा, तो उसने एक बड़ी सी काली छाया देखी। जिससे उस किसान की चीखे निकल गयी।
वह किसान बहुत ही डर गया था। वह उस काली छाया को देखकर भागने लगा, लेकिन वह काली छाया उसका पीछा करने लगी। किसान ने अपने घर तक पहुंचने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं पहुंच पाया। उस काली छाया ने उसे पकड़ लिया और उसे जंगल में ले गई।
दूसरे दिन किसान का शव जंगल में मिला। उसके शरीर पर खरोंच के निशान थे। यह देखकर सभी गाँव वाले बहुत डर गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा हैं?
गांव के लोगों ने इस बारे में पंडित जी से बात की। पंडित जी ने कहा कि गांव में कोई भूत या चुड़ैल आ गई है। उन्होंने गांव के लोगों को कुछ टोटके बताए और उन्हें कहा कि वे रात के समय घरों से बाहर न निकलें।
गांव के लोगों ने पंडित जी की बात मान ली। वे रात के समय घरों से बाहर नहीं निकलते थे। लेकिन फिर भी गांव में अजीब घटनाएं होती रहती थीं।
एक रात, गांव का एक बच्चा जब वह सो रहा था, तब किसी ने उसे उठा लिया। बच्चा बहुत रो रहा था। लेकिन कोई भी उसकी आवाज नहीं सुन पा रहा था।
सुबह बच्चा अपने बिस्तर पर नहीं मिला। उसके माता-पिता ने उसे पूरे गांव में ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला। बच्चा गायब हो गया था।
गांव के लोग बहुत डर गए। उन्हें समझ नहीं आया कि उनका बच्चा कैसे गायब हो गया? उन्होंने पुलिस को इस बारे में बताया, लेकिन पुलिस भी बच्चे को ढूंढ नहीं पाई।
यह सब देखकर गांव के लोग बहुत परेशान थे। वे समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें? उन्होंने पंडित जी को बुलाया और उनसे मदद मांगी।
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पंडित जी ने गांव के लोगों को बताया कि गांव में कोई डायन आ गई है। डायन ही बच्चों को चुराकर ले जा रही है। पंडित जी ने गांव के लोगों को एक यज्ञ करने के लिए कहा।
गांव के लोगों ने पंडित जी की बात मान ली। उन्होंने एक यज्ञ किया। यज्ञ के दौरान पंडित जी ने कुछ मंत्रों का जाप किया। मंत्रों के जाप से डायन बहुत क्रोधित (गुस्सा) हुई। वह यज्ञ को रोकने के लिए आई।
पंडित जी और गांव के लोगों ने मिलकर डायन से सामना किया, और अंत में पंडित जी और गाँव के लोगो ने मिलकर उस डायन को मार डाला।
डायन के मरने के बाद गांव में सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो गया। बच्चे भी सुरक्षित हो गए। गांव के लोग बहुत खुश हुए। गाँव के लोगो ने मिलाकर पंडित जी का सादर सत्कार किया और उन्हें ह्रदय से धन्यबाद किया।
उस दिन के बाद से गांव में कभी कोई डायन या भूत नहीं आया। गांव के लोग अब खुशी-खुशी रहने लगे और जब भी गाँव पर कोई मुसीबत आती थी तो सब गाँव वाले साथ मिलकर उस मुसीबत का सामना करने लगे।
ध्यान दें: यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। इस कहानी में किसी भी व्यक्ति और स्थान से कोई सम्बन्ध नहीं है।