प्रेरणादायक कहानी: पंडित जी की बहादुरी | Pandit Ji Ki Kahani in Hindi
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक पंडित जी रहते थे। पंडित जी बहुत ही विद्वान और बुद्धिमान थे। लोग पंडित जी का बहुत आदर-सम्मान करते थे। एक दिन, गाँव में एक शेर आ गया और उसने लोगों में खलबली मचा दी। लोग बहुत डर गए और नहीं जानते थे कि क्या करें।
गाँव के कुछ लोग पंडित जी के पास आये और उनसे मदद माँगी। पंडित जी ने कहा कि वे शेर को गाँव से बाहर भगा देंगे। पंडित जी ने एक बड़ी-सी लकड़ी की तलवार बनाई और गाँव के चौक में खड़े हो गए।
शेर गाँव के चौक में आया और पंडित जी को देखकर गरजने लगा। पंडित जी भी अपनी लकड़ी की तलवार लेकर शेर की ओर बढ़े। शेर को देखकर पंडित जी का दिल भी धड़कने लगा, लेकिन पंडित जी ने अपना हौसला नहीं खोया।
पंडित जी ने शेर पर अपनी लकड़ी की तलवार से वार किया। शेर को पंडित जी की तलवार से बड़ी चोट आई और वह दर्द से चिल्ला उठा। शेर ने पंडित जी पर भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन पंडित जी बड़ी चतुराई के साथ शेर के हमलो से बचते रहे।
कुछ देर तक लड़ने के बाद शेर थक गया और वह भाग गया। पंडित जी ने शेर को गाँव से बाहर भगा दिया और गाँव के लोगों की जान बचा ली। गाँव के लोग पंडित जी की जय-जयकार करने लगे।
पंडित जी को अपनी बहादुरी पर बहुत गर्व हुआ। उन्होंने सोचा कि वे अब गाँव के सबसे बहादुर व्यक्ति हैं। एक दिन, पंडित जी जंगल से गुजर रहे थे। रास्ते में उनकी एक कुत्ते से मुलाकात हुई। कुत्ता पंडित जी को देखकर जोर-जोर से भौंकना लगा।
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पंडित जी को गुस्सा आ गया। उन्होंने सोचा कि यह कुत्ता उनकी बहादुरी की परीक्षा लेना चाह रहा हैं। पंडित जी ने अपनी लकड़ी की तलवार निकाली और कुत्ते को जान से मरने के लिए उसकी ओर दौड़ पड़े।
कुत्ते को पंडित जी को देखकर बड़ी हँसी आई। उसने सोचा कि यह मनुष्य पागल है। कुत्ता पंडित जी के पैरों के नीचे से निकल गया और भाग गया। पंडित जी ज़मीन पर गिर गए और उनकी लकड़ी की तलवार भी हाथ से छूटकर नीचे गिर गयी।
पंडित जी को बहुत शर्म आई। उन्होंने महसूस किया कि वे वास्तव में उतने बहादुर नहीं हैं, जितना उन्होंने सोचा था। उन्होंने अपनी लकड़ी की तलवार उठाई और गाँव की ओर लौट गए।
जब पंडित जी गाँव पहुँचे, तो गाँव के लोग उनसे पूछने लगे कि उनका हाथ क्यों सूजा हुआ है। पंडित जी ने उन्हें बताया कि एक शेर ने उन पर हमला किया था और उन्होंने शेर को भगा दिया था।
गाँव के लोग पंडित जी की बहादुरी की तारीफ करने लगे। पंडित जी को बहुत खुशी हुई। उन्होंने अपनी लकड़ी की तलवार को छिपा दिया और गाँव के लोगों को बताया कि वे अब कभी भी जंगल में नहीं जाएंगे।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी बहादुरी पर कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए।